मत करो इतना प्यार, कि मुलाकात भी न हो सके,
एक झूठी आस में जिंदा है अब तक,
अब तो दफ़न होने दे,
चलते-चलते घिस गए अरमां,
अब तो कफ़न होने दे,
एक झूठी आस में जिंदा है अब तक,
अब तो करम होने दे,
मत करो इतना प्यार, कि मुलाकात भी न हो सके,
हम रोने की कोशिश करे और बरसात भी न हो सके ।

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