Monday, August 1, 2011

जैसे कोई गम पिए जा रहा हूँ...

लगता है जैसे गम पिए जा रहा हूँ,
तनहा तेरी यादों में जिए जा रहा हूँ,
आस और उम्मीद ने साथ छोड़ दिया हो जैसे,
क्यूँ ऐसी तनहा राहों पर चले जा रहा हूँ...
तेरी यादों का साया, ऐसे घिर आएगा कभी, सोचा न था,
तेरी झूटी बातों की छाया, ऐसे घिर आएँगी कभी, सोचा न था,
न सोचा था कभी, यह दिल कभी किसी के लिए रोयेगा,
न सोचा था कभी, यह दिल कभी किसी को खोएगा,
न सोचा था कभी, तेरी यादों का साया यूँ तड्पाएगा,
न सोचा था कभी, तेरी बातों का साया यूँ नज़र आएगा,
क्यूँ तनहा तेरी यादों में जिए जा रहा हूँ,
लगता है जैसे कोई गम पिए जा रहा हूँ...

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