Sunday, August 28, 2011

अगर यह रात न होती...

अगर यह रात न होती तो ख़्वाबों में तुझसे बात न होती,
न होती सरसराहट दिलों में, न यूँ प्यार की बरसात होती,
कह देता तुझसे मिल कर मैं, हाल-इ-दिल हसरत अपने दिल की,
अगर तू न होती तो तकिये पर रातों को यूँ बरसात न होती,
अगर यह रात न होती तो ख़्वाबों में तुझसे बात न होती…

No comments:

Post a Comment