लिखने की आरज़ू ले बैठोगे तो यूँ ही पछताओगे,
लफ्ज़ न ब-रोज़ मिलेंगे, मुफलिसी से टकराओगे,
कुछ हिमाकत कर लिख भी लो कभी, ख्वाब यूँ अधूरे से,
कुछ चाहत कर कह भी दो कभी, साज़ न वो पूरे से,
खुद अपने ही रास्ते में, लफ्ज़ न यूँ वो पाओगे,
लफ्ज़ न ब-रोज़ मिलेंगे, मुफलिसी से टकराओगे,
लिखने की आरज़ू ले बैठोगे तो यूँ ही पछताओगे...
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