Wednesday, August 3, 2011

ज़िन्दगी की भी क्या खूब कहानी है..

ज़िन्दगी की भी क्या खूब कहानी है,
कुछ आँखे नम है, कुछ उनकी निशानी है,
लफ्ज़ मेरे, मुझसे ही थे, दर्द बस तेरा लिए,
साज़-दिल मेरे ही थे, जिक्र बस तेरा लिए,
था मुसाफिर, एक अजनबी सा, रुक गया तेरे लिए,
दो पल मुस्कुरा दिया, चल दिया यादें लिए,
यूँ सँभालने न था पाया, होश, जब तुझमे खो दिया,
यूँ सँभालने न था पाया, साथ, जब तेरा खो दिया,
यह जो कागज़ पर उकेरे है, मेरे दर्द की निशानी है,
आज, कुछ आँखे नम है, कुछ उनकी निशानी है,
ज़िन्दगी की भी क्या खूब कहानी है..

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